क्या मतदाता के नेता का शिक्षित योग्यतानुसार मत संख्या शक्ति का निर्धारण किया जाए ।
2.
कुल मतगणना होने के बाद जिस तरह अन्य अभ्यर्थियों की मत संख्या को प्रदर्शित किया जाएगा।
3.
मतगणना के दौरान उम्मीदवार को प्राप्त होने वाले मत संख्या को कॉलम 2 और 3 में दिखाया जाएगा।
4.
वह अपना मत संख्या बढाने में संलगित हैं ताकि देश पर अधिकार ना सही तो एक और विभाजन की करवाया जाय।
5.
(क) राष्ट्रीय स्तर पर घोषित अलंकृत व्यक्ति की मत संख्या शक्ति भी पन्द्रह होनी चाहिए, चाहे वह शिक्षित हो या नहीं ।
6.
उचित होगा यदि शिक्षा को आधार मानकर प्रत्येक मतदाता द्वारा प्रदत्त मत की शक्ति का मूल्यांकन बढ़ाया जाए मत संख्या शक्ति का निर्धारण निम्न उदाहरण अनुसार निर्वाचित हो ।
7.
इसका यही अर्थ निकलता है कि भारत पर जिस भी राजनीतिक दल / गठबंधन ने शासन किया उसे मत संख्या का एक-तिहाई से अधिक कभी भी वोट नहीं मिला।
8.
मत संख्या प्राप्त होगी, चाहे कितने ही थोड़े मत उसे मिले हों, उसे ही विजेता माना जायेगा! फिर वह विधान सभा और सरकार में भी बैठ सकेगा।
9.
अमेरिका के उप-राष्ट्रपति डिक चेनी राजधानी वाशिंगटन में उस स्थिति में निर्णायक वोट देने के लिए मौजूद थे जिसके अनुसार इस विधेयक के पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए मत संख्या बराबर होती।
10.
गवर्नर-जनरल के पास इन सलाहकारों सहित, एक मत (वोट) का अधिकार था, जिसके साथ ही उसे समान मत संख्या की स्थिति में उठे विवाद को सुलझाने हेतु, एक अतिरिक्त मत दिया गया था।